बुधवार, 15 जून 2016

  Live Life with less expectation for happiness and joy


हो सकता है कि हमारी  professional जिन्दगी एवं व्यक्तिगत जीवन बहुत अच्छी हो बहुत अच्छी आमदनी हो ,सुखी परिवार हो एवं अच्छे मिञ हो लेकिन हम लोग हमेशा असतुंष्ट रहते हैं।हम हमेशा चाहते है हमारे पास वह हो जो दूसरों के पास है।हम अक्सर यह भूल जाते है हमारे पास जो है वह दूसरों के पास नहीं हो सकता है।
           कुछ को छोड़ कर हमारे पास दो हाथ हैं दो पैर भी है जिससे हम खड़े हो जाते है ,दो आखें भी है जिससे हम इस सुन्दर दुनिया को देख सकते है,दो कान भी है जिससे हम आवाज सुन सकते है, अपनी भावना व्यक्त करने के लिए मुंह है और बहुत सी चीजें है पर दुःख इस बात का है कि जो हमारे पास है उसको हम appreciate नहीं करते है।हमने यह देखा है कि जिनके पास यह नहीं है वे ज्यादा खुश एवं प्रसन्न हैं।वे यह नहीं देखते है कि उनके पास  कोई अंग नहीं है वरन वे उस समस्या से मजबूती से लड़ते है एवं जिन्दगी को हसीं खुशी से जीते है।
            Dissatisfaction एक सीधी रेखा की तरह है जो बढ़ती जाती है यह उस व्यक्ति के उपर है कि इस रेखा को कहां से मोडना है।दिन बीतने के साथ हमारी मांग बढती जाती है एवं wishes बदलती रहती हैं।इससे dissatisfaction बढती है इससे दुःख एवं गुस्सा बढता जाता है।इससे हमें रोग होता है और हम कमजोर होते जाते है।